Monday, 3 April 2017

हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार

असमान लिंगानुपात की चिंता से घिरे हरियाणा में इस हालात से निकलने के कवायद के नतीजे सामने आने लगे हैं। जन्म पंजीकरण के ताजा आंकड़ों पर गौर करें, तो राज्य में लिंगानुपात में सुधार दर्ज किया गया है। पिछले 17 वर्षों में यह पहली बार हुआ है जब हरियाणा में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या 900 के पार पहुंची हो। गौरतलब है कि जनगणना 2001 में हरियाणा में 1000 पुरुषों पर सिर्फ 861 महिलाएं थी जबकि जनगणना 2011 में यह अनुपात 1000 पुरुषों पर सिर्फ 879 महिलाओं तक ही सीमित रह गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में पानीपत में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना की शुरुआत की। इसके बाद बड़े स्तर पर लिंगानुपात की जांच एवं कन्याभ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान की शुरुआत की गई थी। सरकार की सतर्कता और लोगों की जागरूकता से अब सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं।
  • सबसे कम लिंगानुपात वाले राज्य हरियाणा ने हाल ही में प्रति 1000 बालकों पर 900 बालिका होने की जन्म पर लिंगानुपात (Sex Ratio at Birth-SRB) दर को हासिल किया है।
  • इस आशय की घोषणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा नागरिक पंजीकरण प्रणाली (Civil Registration System-CRS) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के आधार पर की गई।
  • सीआरएस के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, जनवरी-दिसंबर, 2016 की अवधि में हरियाणा में कुल 5,25,278 बच्चों का जन्म हुआ। इसमें बालकों की कुल संख्या 2,76,414 और बालिकाओं की कुल संख्या 2,48,864 थी।
  • राज्य के किसी भी जिले में जन्म के समय लिंगानुपात 850 से कम दर्ज नहीं की गई।
  • राज्य के 12 जिलों में वर्ष 2016 के दौरान 900 अथवा 900 से अधिक लिंगानुपात दर्ज किया गया।
  • इनमें सर्वाधिक लिंगानुपात सिरसा जिले में दर्ज किया गया, जहां पर प्रति 1000 बालकों पर 935 बालिकाएं हैं।
  • सिरसा के बाद पंचकुला और फतेहाबाद में उच्च लिंगानुपात दर्ज किया गया।
  • पंचकुला में प्रति 1000 बालकों पर 923 बालिकाएं तथा फतेहाबाद में 918 बालिकाएं हैं।
  • ध्यातव्य है कि हरियाणा में दिसंबर, 2016 में जन्म के समय लिंगानुपात 914 दर्ज किया गया।
  • रेवाड़ी रोहतक और जींद जिलों में वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2016 में लिंगानुपात में 40 अंकों की वृद्धि हुई जबकि राज्य के 16 जिलों में 20 और उससे अधिक अंकों की बढ़ोत्तरी हुई है।
हरियाणा में लिंगानुपात : 2016 (जिलेवार)
  शीर्ष पांच लिंगानुपात वाले जिले                  न्यूनतम पांच लिंगानुपात वाले जिले
जिलालिंगानुपातजिलालिंगानुपात
सिरसा935महेंद्रगढ़850
पंचकुला923कुरूक्षेत्र859
फतेहाबाद918रेवाड़ी870
हिसार/पलवल913गुरुग्राम883
अंबाला/पानीपत/मेवात912झज्जर884
  • हरियाणा राज्य के लिए यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के सकारात्मक परिणाम के रूप में देखा जा रहा है।
  • ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा स्थित पानीपत से ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ (B3P) योजना आरंभ की गई थी।
  • इस योजना के बाद राज्य में बालिका संरक्षण के लिए प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण, चयनात्मक गर्भपात एवं कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ कई नीतियां लागू की गई थीं।
  • इस अभियान की निगरानी के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा एक विशेष बीबीबीपी सेल (Special B3P Cell) निर्मित की गई है।
  • कार्यक्रम की रणनीति के एक हिस्से के रूप में राज्य द्वारा कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध आक्रामक कार्यवाही करते हुए गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीकी अधिनियम, 1994 (Pre-conception and pre-Natal Diagnostic Techniques (PCPNDT) Act, 1994) तथा मेडिकल टर्मिनल ऑफ प्रेगनेंसी अधिनियम (Medical Terminal of Pregnancy Act-MTP) के अंतर्गत वर्णित प्रावधानों के सख्त कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया गया।
  • ध्यातव्य है कि इस कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु नियमित रूप से बैठकें आयोजित की गईं, नुक्कड़ नाटकों के आयोजन के साथ-साथ शहरों एवं गांवों में रैलियों एवं सभाओं का भी सफल आयोजन किया गया।
  • हालांकि, वर्तमान में इस कार्यक्रम के सफल संचालन में हरियाणा के समीप दिल्ली, राजस्थान, पंजाब तथा उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से पनपते अल्ट्रासाउंड केंद्र (Ultrasound Centeres) मुख्य चुनौती बनकर उभर रहे हैं।
  • उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जनगणना 2011 के अनुसार, देश का लिंगानुपात 943 है। राज्यवार आकलन में केरल में सर्वाधिक लिंगानुपात 1084 है, तो हरियाणा में न्यूनतम लिंगानुपात 879 है।
  • राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों पर समग्र रूप से विचार करें, तो न्यूनतम लिंगानुपात 618 दमन-दीव का है।
 एक नजर में : लिंगानुपात संबंधी शब्दावली 
प्रति 1000 पुरुषों पर, स्त्रियों की संख्या को लिंग अनुपात (Sex Ratio) कहा जाता है।
लिंगानुपात =कुल पुरुषों की संख्या× 1000
कुल स्त्रियों की संख्या
0-6 आयु वर्ग की जनसंख्या में प्रति 1000 बालकों की तुलना में उसी आयु वर्ग में (0-6 वर्ष) बालिकाओं की संख्या को शिशु लिंगानुपात (CSR) कहा जाता है।
शिशु लिंगानुपात (0-6) =बालिकाओं की संख्या (0-6 वर्ष)× 1000
  बालकों की संख्या (0-6 वर्ष)