Wednesday 19 April 2017

भारत : अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी का एसोसिएशन देश


अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी’ (IEA) के अनुसार, भारत में विश्व की 18 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है, लेकिन वैश्विक ऊर्जा उपभोग में इसकी हिस्सेदारी मात्र 6 प्रतिशत ही है। वर्ष 2000 से अब तक भारत के ऊर्जा उपभोग में लगभग दोगुने की वृद्धि हो चुकी है, फिर भी वर्तमान में देश के 240 मिलियन लोगों तक विद्युत की पहुंच नहीं है। अतः देश के नागरिकों की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ-साथ ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की दृष्टि से भी भारत द्वारा अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के ‘एसोसिएशन देश’ का दर्जा प्राप्त करना एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • 30 मार्च, 2017 को भारत ने अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के ‘एसोसिएशन देश’ (Association Country) का दर्जा प्राप्त कर लिया।
  • इससे संबंधित घोषणा नई दिल्ली में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की गई जिसमें आईईए के कार्यकारी निदेशक डॉ. फतीह बिरोल; विद्युत, कोयला,नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा खान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र प्रधान शामिल थे।
  • यह दर्जा प्राप्त करने के बाद अब भारत को आईईए की प्रशासनिक संरचना का गठन करने वाले स्थायी समूहों (Standing Groups), समितियों तथा कार्यकारी समूहों की बैठकों में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकेगा।
  • साथ ही आईईए के साथ भारत की भागीदारी आईईए के सदस्य एवं अन्य संबंधित देशों को ऊर्जा दक्षता एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में समृद्ध करेगी।
  • ज्ञातव्य है कि अभी तक भारत आईईए का भागीदार देश (Partner Country) था।
  • उल्लेखनीय है कि भारत एवं अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के मध्य सहयोग की शुरुआत वर्ष 1998 में ‘सहयोग के घोषणा-पत्र’ (Declaration of Co-operation) पर हस्ताक्षर होने के साथ हुई थी।
  • इस घोषणा-पत्र में ऊर्जा सुरक्षा एवं सांख्यिकी से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल थे।
  • तेल एवं गैस सुरक्षा, भारत एवं आईईए के मध्य सहयोग हेतु प्राथमिकता के क्षेत्रों में शामिल है तथा इससे संबंधित समझौता-ज्ञापन (MoU) पर आईईए और केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने वर्ष 2011 में हस्ताक्षर किए थे।
  • यह प्रथम अवसर था जब आईईए ने ‘आकस्मिक तैयारी’ (Emergency Preparedness) के क्षेत्र में किसी प्रमुख साझीदार देश के साथ समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था।
  • वर्ष 2015 में आईईए ने भारत के ‘पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ’ (PCRA) के साथ भागीदारी में एवं अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के सहयोग से ‘भारी वाहनों’ (Heavy Duty Vehicles) के लिए विनियमों का विकास किया था।
  • वर्ष 2016 में पूर्वानुमान एवं डाटा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से भारत एवं आईईए ने एक आशय-पत्र पर हस्ताक्षर किए थे।
  • ज्ञातव्य है कि अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी एक स्वायत्त अंतर-सरकारी संगठन है जिसका सचिवालय पेरिस, फ्रांस में स्थित है।
  • वर्ष 1974 में स्थापित यह एजेंसी मुख्य रूप से अपने 29 सदस्य देशों (Member Countries) हेतु विश्वसनीय, वहनीय एवं स्वच्छ ऊर्जा तक पहुंच को सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य करती है।
  • ओईसीडी (Organisation for Economic Co-operation and Development:OECD) की सदस्यता प्राप्त देश को ही आईईए की सदस्यता प्रदान करने पर विचार किया जाता है।
  • हालांकि मात्र ओईसीडी की सदस्यता प्राप्त कर लेने से ही कोई देश आईईए की सदस्यता के योग्य नहीं हो जाता, उसे अन्य कई शर्तों को भी संतुष्ट करना होता है।
  • उदाहरणस्वरूप वर्तमान में चिली, आइसलैंड, इस्राइल, मेक्सिको तथा स्लोवेनिया ओईसीडी के सदस्य देश हैं, लेकिन वे आईईए के सदस्य नहीं हैं।
  • वर्तमान में चिली एवं मेक्सिको आईईए की सदस्यता हेतु उम्मीदवार (Accession Countries) हैं।
  • 29 सदस्य देशों के अतिरिक्त आईईए के भारत सहित 6 एसोसिएशन देश भी हैं।
  • अन्य 5 एसोसिएशन देश हैं-चीन, इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर एवं मोरक्को।