Thursday, 13 April 2017

ऑपरेशन ‘थंडरबर्ड’


                                                                  शुभारंभ

  • ऑपरेशन सेव-कूर्म:- 15 दिसंबर, 2016-30 जनवरी, 2017 के मध्य वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो द्वारा भारत में कछुओं की सुरक्षा हेतु प्रजाति विशेष अभियान ‘ऑपरेशन सेव-कूर्म’ (Operation Save-Kurma) परिचालित किया गया था। इस अभियान के तहत 15739 जीवित कछुओं को बचाया गया था।
  • उपलब्धि:- 3 मार्च, 2017 को विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर इंटरपोल द्वारा जबकि 2 मार्च को भारत द्वारा इस अभियान की उपलब्धियों की घोषणा की गई। भारत में इस अभियान के तहत वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अंतर्गत अधिसूचित 2524 जीवित प्रजातियों सहित 19.2 किग्रा. हाथी दांत, 1 शेर की खाल, 9 वन्यजीवों के शव, 8 चीते की खाल इत्यादि बरामद किए गए। इस अभियान की सबसे बड़ी उपलब्धि ऐसे मार्गों एवं व्यापार केंद्रों की पहचान है, जहाँ से वन्यजीवों की अवैध तस्करी की जाती है और जिन पर भविष्य में कार्यवाही किया जाना आवश्यक है।
  • वन्यजीवों के प्रति अपराध:- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 भारत में वन्यजीवों के शिकार को अपराध घोषित करता है। वन्यजीवों के कुछ अंगों का कथित औषधीय उपयोग एवं शान-शौकत के प्रदर्शन हेतु देश-विदेश में इनके चमड़े, सींग, दांत आदि की मांग बहुत अधिक है। स्थानीय शिकारी उच्च-मूल्य की आकांक्षा में इन जीवों का शिकार करते हैं और बेचते हैं। वन्यजीवों के प्रति हो रहे इस अपराध की रोकथाम एवं निरोध हेतु वन्यजीव अपराध नियंत्रण बोर्ड विभिन्न एजेंसियों और संस्थाओं के सहयोग हेतु विशेष अभियानों का आयोजन करके संस्थागत वन्यजीवों की तस्करी को नियंत्रित करने का प्रयास करता है।
न्यजीव अपराध नियंत्रण बोर्ड (WCCB)जून, 2007 में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत इस ब्यूरो (WCCB) का गठन किया गया था। यह एक वैधानिक निकाय है, जो पर्यावरण, वन्य एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है, जबकि इसके पांच क्षेत्रीय कार्यालय दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई और जबलपुर में तथा तीन उपक्षेत्रीय कार्यालय गुवाहाटी, अमृतसर और कोच्चि में स्थापित किए गए हैं। इनके अतिरिक्त इसकी पांच सीमावर्ती इकाइयां-मोरेह, नाथूला, मोतिहारी, गोरखपुर, रामनाथपुरम् में स्थापित की गई हैं।