प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात राज्य के भरुच जिले में नर्मदा नदी पर निर्मित देश के सबसे लंबे 4 लेन के केबल सेतु का लोकार्पण अपनी दो दिवसीय गुजरात यात्रा के दौरान किया। सेतु का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग-8 के मुंबई-अहमदाबाद खंड पर यातायात को सुगम बनाने हेतु किया गया है। भरुच जिले में नर्मदा नदी पर निर्मित यह तीसरा सेतु है।
- 7 मार्च, 2017 को देश के सबसे लंबे एवं गुजरात राज्य में अपनी तरह के पहले केबल सेतु का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा किया गया।
- इस सेतु का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के राष्ट्रीय राजमार्ग-8 के मुंबई-अहमदाबाद खंड के भरुच से सूरत (लगभग 6.7 किमी.) के मध्य मार्ग को 6 लेन का किए जाने की परियोजना के अधीन किया गया है।
- इस परियोजना के निर्माण में लगभग 379 करोड़ रुपये की लागत आई।
- इस सेतु का निर्माण लार्सन एंड टुब्रो (L & T) एवं डिवाईडैग सिस्टम इंटरनेशनल द्वारा किया गया है।
- सेतु का निर्माण कार्य वर्ष 2014 में प्रारंभ किया गया था।
- सेतु की लंबाई 1344 मीटर है।
- उल्लेखनीय है कि इस सेतु का निर्माण सरदार सेतु के समानांतर किया गया है जिसका निर्माण 1980 के दशक में किया गया था।
- भरुच जिले में नर्मदा नदी पर एक अन्य सेतु (गोल्डन सेतु) का निर्माण 1881 ई. में अंग्रेजों द्वारा किया गया था।
- इस सेतु का निर्माण गोल्डन ईर्स सेतु, वैंकूवर कनाडा के अनुरूप किया गया है।
- यह सेतु एक अन्य विषय में भी विशेष है क्योंकि इसका निर्माण धारणीयता के सिद्धांतों (पुनः उपयोग, पुनर्चक्रण एवं शमन) के आधार पर किया गया है।
- यह सेतु दक्ष यातायात प्रबंधन प्रणाली से भी युक्त है।