Wednesday, 19 April 2017

मोंटेनेग्रो : नाटो की सदस्यता का मार्ग-प्रशस्त


अप्रैल, 1949 में अमेरिका, कनाडा तथा 10 पश्चिमी यूरोपीय देशों (यूके, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड्स, बेल्जियम, पुर्तगाल, डेनमार्क, नॉर्वे, आइसलैंड तथा लक्जमबर्ग) ने वाशिंगटन संधि [या उत्तर अटलांटिक संधि (North Atlantic Treaty)] पर हस्ताक्षर किए, जिसके फलस्वरूप नाटो (North Atlantic Treaty Organisation:NATO) का गठन हुआ। नाटो एक अंतर्सरकारी सैन्य गठबंधन है जिसका उद्देश्य एक संगठित सुरक्षा प्रणाली के सृजन हेतु उत्तरी अमेरिका एवं यूरोप के स्वतंत्र एवं स्वायत्त देशों को एक छत्र के नीचे लाना है। नाटो ‘संगठित रक्षा’ (Collective Defence) के सिद्धांत के प्रति प्रतिबद्ध है, जिसका उल्लेख वाशिंगटन संधि के अनुच्छेद 5 में किया गया है। इस सिद्धांत के अनुसार, नाटो के एक या अधिक सदस्यों के विरुद्ध सशस्त्र हमले को सभी सदस्य देशों के विरुद्ध हमला माना जाएगा।
स्थापना के बाद से अब तक 6 बार नाटो का विस्तार किया जा चुका है। उपर्युक्त वर्णित 12 संस्थापक सदस्यों के बाद सर्वप्रथम वर्ष 1952 में ग्रीस एवं तुर्की नाटो के सदस्य बने, तत्पश्चात वर्ष 1955 में पश्चिम जर्मनी (वर्तमान जर्मनी); वर्ष 1982 में स्पेन; वर्ष 1999 में पोलैंड, हंगरी एवं चेक गणराज्य; वर्ष 2004 में बुल्गारिया, एस्टोनिया, लाटविया, लिथुआनिया, रोमानिया, स्लोवाकिया एवं स्लोवेनिया तथा वर्ष 2009 में अल्बानिया एवं क्रोएशिया ने नाटो की सदस्यता ग्रहण की। इस प्रकार वर्तमान में कुल 28 देश नाटो के सदस्य हैं।
  • 28 मार्च, 2017 को अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट में नाटो में मोंटेनेग्रो की सदस्यता पर प्रोटोकॉल के अनुसमर्थन (Ratification) हेतु मतदान संपन्न हुआ।
  • सीनेट ने यह प्रस्ताव 2 के मुकाबले 97 मतों से पारित कर दिया।
  • 11 अप्रैल, 2017 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी इस प्रोटोकॉल के अनुसमर्थन संबंधी दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दिए।
  • उल्लेखनीय है कि अब तक अमेरिका सहित नाटो के 26 सदस्य देश नाटो में मोंटेनेग्रो की सदस्यता को स्वीकृति प्रदान कर चुके हैं।
  • इस प्रकार अब शेष दो देशों यथा नीदरलैंड्स एवं स्पेन के साथ-साथ स्वयं मोंटेनेग्रो की संसद भी अगर इस सदस्यता प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर देती है, तो बाल्कन देश मोंटेनेग्रो नाटो का 29वां सदस्य बन जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही मोंटेनेग्रो ने अपनी विदेश नीति के प्रमुख लक्ष्यों में यूरोपियन यूनियन (EU) तथा नाटो की सदस्यता को प्रमुख स्थान दिया है।
  • मोंटेनेग्रो को नाटो की ‘सदस्यता कार्यवाही योजना’ (Membership Action Plan:MAP) में शामिल होने हेतु दिसंबर, 2009 में आमंत्रित किया गया था।
  • सदस्यता कार्यवाही योजना नाटो की सदस्यता ग्रहण करने के इच्छुक देशों को उनकी तैयारियों में मदद करने के उद्देश्य से नाटो द्वारा प्रारंभ एक कार्यक्रम है।
  • सदस्यता कार्यवाही योजना में उल्लिखित सुधारों को कार्यान्वित करने की दिशा में पर्याप्त प्रगति कर लेने के बाद नाटो ने दिसंबर, 2015 में मोंटेनेग्रो को सदस्यता हेतु औपचारिक वार्ताएं प्रारंभ करने के लिए आमंत्रित किया था।
  • उल्लेखनीय है कि नाटो के विस्तार संबंधी प्रावधानों का उल्लेख वाशिंगटन संधि के अनुच्छेद 10 में किया गया है।
  • अनुच्छेद 10 के अनुसार, वाशिंगटन संधि के सिद्धांतों को प्रोत्साहित करने तथा उत्तर अटलांटिक क्षेत्र की सुरक्षा में योगदान देने में समर्थ कोई भी यूरोपीय देश नाटो का सदस्य बनने के योग्य है।
  • किसी देश को नाटो की सदस्यता ग्रहण करने हेतु आमंत्रित करने का निर्णय ‘उत्तर अटलांटिक परिषद’ (North Atlantic Council) द्वारा लिया जाता है, जो नाटो की प्रमुख राजनीतिक निर्णय निर्धारण संस्था है।