- क्या है?
‘भ्रष्टाचार बोध सूचकांक’ वैश्विक स्तर पर विश्व के विभिन्न देशों में सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के स्तरों का तुलनात्मक आकलन हेतु एक महत्वपूर्ण मानक है, जो संबंधित देशों के भीतर एवं बाहर उद्यमियों एवं विश्लेषकों से प्रश्न पूछकर सर्वेक्षण विधि द्वारा तैयार किया जाता है। - उद्देश्य
इस सूचकांक का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर विश्व के विभिन्न देशों में सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के स्तरों का तुलनात्मक आकलन करना है। - जारीकर्ता संस्थान
अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन ‘ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल’ (Transparency International) जिसका मुख्यालय बर्लिन, जर्मनी में है, के द्वारा वर्ष 1995 से प्रति वर्ष ‘भ्रष्टाचार बोध सूचकांक’ (Curruption Perception Index-CPI) जारी किया जाता है। - महत्वपूर्ण बिंदु
- ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल द्वारा 25 जनवरी, 2017 को 22वां वार्षिक ‘भ्रष्टाचार बोध सूचकांक, 2016′ (CPI-2016) जारी किया गया।
- इस सूचकांक में कुल 176 देशों और टेरिटरीज को रैंकिंग प्रदान की गई है।
- यह सूचकांक 0 से 100 अंकों तक विस्तारित है जिसमें 0 का अर्थ ‘सर्वाधिक भ्रष्ट’ (Highly Currupt) और 100 का अर्थ ‘सर्वाधिक ईमानदार’ (Veryctean) होने से है।
- इस सूचकांक में शामिल 176 देशों में दो-तिहाई देशों ने 50 अंक से कम का स्कोर प्राप्त किया है, जो इन देशों में सार्वजनिक भ्रष्टाचार की व्यापकता को प्रदर्शित
- करता है।
- इस सूचकांक में किसी भी देश को पूर्णतः भ्रष्टाचार मुक्त होने जैसा स्कोर नहीं मिला है अर्थात कोई भी देश भ्रष्टाचार सूचकांक में 100 अंक का स्कोर अर्जित नहीं कर सका है।
- इस सूचकांक में डेनमार्क और न्यूजीलैंड दोनों ही 90 अंकों के साथ संयुक्त रूप से प्रथम स्थान पर हैं।
- गत वर्ष भी डेनमार्क 91 अंकों के साथ प्रथम स्थान पर था।
- इस सूचकांक में फिनलैंड, स्वीडन एवं न्यूजीलैंड क्रमशः 89, 88 एवं 86 अंकों के साथ तीसरे, चौथे एवं पांचवें स्थान पर हैं।
- गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी सूचकांक में जर्मनी, लक्जमबर्ग एवं युनाइटेड किंगडम संयुक्त रूप से 10वें स्थान पर हैं और इनमें प्रत्येक ने 81 अंक अर्जित किए हैं।
- इस सूचकांक में सर्वाधिक 10 अंकों की कमी कतर में आई है अर्थात इस देश में भ्रष्टाचार बढ़ा है जबकि सूचकांक में सर्वाधिक 9 अंकों की वृद्धि सुरीनाम में हुई है जो इस बात का सूचक है कि इस देश में भ्रष्टाचार घटा है।
- इस सूचकांक में केवल 10 अंक प्राप्त कर सोमालिया अंतिम स्थान (176वें) पर है।
- 14 अंकों के साथ यमन, सूडान एवं लीबिया संयुक्त रूप से 170वें स्थान पर हैं।
सबसे कम भ्रष्टाचार वाले 5 देश | सर्वाधिक भ्रष्टाचार वाले 5 देश | |||||||
रैंक | देश | स्कोर
2016
| स्कोर/रैंक
2015
| रैंक | देश | स्कोर
2016
| स्कोर/रैंक
2015
| |
1 | डेनमार्क | 90 | 91 (1) | 176 | सोमालिया | 10 | 167 | -8 |
1 | न्यूजीलैंड | 90 | 88(4) | 175 | दक्षिणी सूडान | 11 | 163 | -15 |
3 | फिनलैंड | 89 | 90(2) | 174 | उत्तर कोरिया | 12 | 167 | -8 |
4 | स्वीडन | 88 | 89(3) | 173 | सीरिया | 13 | 154 | -18 |
5 | स्विट्जरलैंड | 86 | 86(7) | 170 | यमन | 14 | 154 | -18 |
- इस सूचकांक में भारत को चीन-ब्राजील एवं बेलारूस के साथ संयुक्त रूप से 79वीं रैंक हासिल हुई है। इन सभी 4 देशों का सूचकांक स्कोर 40 है।
सूचकांक के अनुसार, गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष भारत के स्कोर में 2 अंकों का सुधार हुआ है जबकि रैंकिंग में 3 अंकों की कमी हुई है।
गत वर्ष के सूचकांक में भारत 38 अंक के स्कोर के साथ बोस्निया, हर्जेगोविना, बुर्किनाफासो, थाईलैंड, ट्यूनीशिया, जाम्बिया एवं ब्राजील के साथ संयुक्त छ रूप से 76वें स्थान पर था।
इस सूचकांक में ‘ब्रिक्स’ (BRICS) देशों की स्थिति निम्न है-
ब्राजील-40 अंक (79वीं रैंक), रूस-29 अंक (131वीं रैंक), चीन-40 अंक (79वीं रैंक) तथा दक्षिण अफ्रीका-45 अंक (64वीं रैंक) एवं भारत-40 अंक (79वीं रैंक)
भारत व पड़ोसी देशों की स्थिति-
रैंक | देश | स्कोर | स्कोर | रैंक |
2016 | 2016 | 2015 | ||
27 | भूटान | 65 | 65 | 27 |
95 | श्रीलंका | 36 | 37 | 83 |
95 | मालदीव | 36 | N/A | |
79 | भारत | 40 | 38 | 76 |
116 | पाकिस्तान | 32 | 30 | 117 |
145 | बांग्लादेश | 26 | 25 | 139 |
169 | अफगानिस्तान | 15 | 11 | 166 |
79 | चीन | 40 | 37 | 83 |
131 | नेपाल | 29 | 27 | 130 |
136 | म्यांमार | 28 | 22 | 147 |