परिचय
विभिन्न क्षेत्रों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका एवं इंटरनेट के जरिए लेन-देन एवं डाटा के आदान-प्रदान में हो रही वृद्धि के परिप्रेक्ष्य में साइबर सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता वाले विषय के रूप में उभरा है। साइबर सुरक्षा के अभाव में महत्वपूर्ण राजनीतिक, आर्थिक, शासनिक, सामरिक एवं कूटनीतिक जानकारी एवं अन्यान्य इंटरनेट चालित उपकरण हैकिंग का शिकार हो सकते हैं और सारी सूचना अवांछित व्यक्तियों तक पहुंच सकती है। ऐसे में साइबर सुरक्षा की अपरिहार्यता को देखते हुए भारत सरकार ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का दायरा भौतिक स्वच्छता से बढ़ाकर ‘वर्चुअल स्वच्छता’ तक विस्तारित कर दिया है। 22 फरवरी, 2017 को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने नेटवर्क एवं इंटरनेट प्रणालियों को मालवेयर एवं बॉटनेट से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से ‘साइबर स्वच्छता केंद्र’ बॉटनेट क्लीनिंग एवं मालवेयर विश्लेषण केंद्र का शुभारंभ किया।
विभिन्न क्षेत्रों में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका एवं इंटरनेट के जरिए लेन-देन एवं डाटा के आदान-प्रदान में हो रही वृद्धि के परिप्रेक्ष्य में साइबर सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता वाले विषय के रूप में उभरा है। साइबर सुरक्षा के अभाव में महत्वपूर्ण राजनीतिक, आर्थिक, शासनिक, सामरिक एवं कूटनीतिक जानकारी एवं अन्यान्य इंटरनेट चालित उपकरण हैकिंग का शिकार हो सकते हैं और सारी सूचना अवांछित व्यक्तियों तक पहुंच सकती है। ऐसे में साइबर सुरक्षा की अपरिहार्यता को देखते हुए भारत सरकार ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ का दायरा भौतिक स्वच्छता से बढ़ाकर ‘वर्चुअल स्वच्छता’ तक विस्तारित कर दिया है। 22 फरवरी, 2017 को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने नेटवर्क एवं इंटरनेट प्रणालियों को मालवेयर एवं बॉटनेट से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से ‘साइबर स्वच्छता केंद्र’ बॉटनेट क्लीनिंग एवं मालवेयर विश्लेषण केंद्र का शुभारंभ किया।
विशेषताएं
- साइबर स्वच्छता केंद्र का लक्ष्य बॉटनेट एवं मालवेयर संबंधी खतरों की जानकारी देकर एवं सुरक्षात्मक उपाय सुझाकर डिजिटल इंडिया के सूचना प्रौद्योगिकी ढांचे की साइबर सुरक्षा बढ़ाना है।
- यह उपक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के डिजिटल इंडिया अभियान का हिस्सा है जिसका उद्देश्य सुरक्षित साइबर स्पेस का सृजन करना है।
- साइबर स्वच्छता केंद्र बॉटनेट संक्रमण का पता लगाकर उपयोगकर्ताओं की प्रणालियों (Systems) को सुरक्षित रखेगा ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके।
- इस केंद्र का परिचालन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम-इंडिया (सीईआरटी-इन) द्वारा किया जा रहा है।
- साइबर स्वच्छता केंद्र-बॉटनेट क्लीनिंग एवं मालवेयर विश्लेषण केंद्र द्वारा नागरिकों के लिए कुछ उपकरण (टूल्स) जारी किए गए हैं। ये उपकरण हैं-
- यूएसबी प्रतिरोध-यह एक डेस्कटॉप सिक्योरिटी सॉल्यूशन है, जो यूएसबी मास स्टोरेज डिवाइस के खतरों से रक्षा करता है।
- एपसंविद-यह एक डेस्कटॉप सॉल्यूशन है, जो व्हाइट लिस्टिंग के जरिए वास्तविक एप्लीकेशन को इंस्टॉल करने की सुविधा देकर प्रणालियों की रक्षा करता है।
- इससे द्वेषपूर्ण एप्लीकेशन से होने वाले खतरों की रोकथाम करने में भी मदद मिलती है।
- एम-कवच-यह स्वदेश में ही विकसित किया गया एक सॉल्यूशन है, जो मोबाइल में उभरने वाले सुरक्षा संबंधी खतरों का निवारण करता है।
- यह केंद्र इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों एवं एंटी वायरस कंपनियों के साथ मिलकर काम करेगा इसके माध्यम से संक्रमित कंप्यूटर और उसके इंटरनेट सेवा प्रदाता को संक्रमण की स्थिति में सचेतक भेजा जाएगा।
- यह केंद्र बैंकों को नेटवर्क सुरक्षा संबंधी सुझाव भी देगा।
- उल्लेखनीय है कि मालवेयर, स्पाईवेयर, वार्म आदि एक प्रकार के सॉफ्टवेयर होते हैं जिनका इस्तेमाल हैकर कंप्यूटर से पर्सनल डाटा चोरी करने हेतु करते हैं। ये वायरस निजी फाइलों तक पहुंचकर उन्हें दूसरी डिवाइस में स्थानांतरित कर देते हैं जिससे लोगों की निजी सूचनाएं अवांक्षित लोगो तक पहुंच जाती है।
- इसी प्रकार बॉटनेट सिस्टम नेटवर्क में व्यवधान उत्पन्न करने वाला एक सॉफ्टवेयर होता है जो किसी सिस्टम के परिचालन को नियंत्रित कर साइबर हमले करने में सक्षम होता है।
- साइबर स्वच्छता केंद्र की स्थापना नेटवर्क सुरक्षा संबंधी एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल लोगों का डिजिटल व्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा बल्कि डिजिटल ढांचे की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। साइबर सुरक्षा वर्तमान समय में सभी राष्ट्रों के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है। पिछले वर्ष संपन्न हुए अमेरिकी चुनावों में आशंकित साइबर हमला और उससे उत्पन्न विश्वसनीयता का संकट साइबर सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करता है। भारत भी साइबर हमलों से अछूता नहीं है। अक्टूबर, 2016 में भारतीय स्टेट बैंक के 32 लाख एटीएम कार्ड हैक होने की सूचना से पूरे देश में इस बैंक के ग्राहक प्रभावित हुए थे। अतः नेटवर्क आधारित डाटा को सुरक्षित रखना न केवल सरकार की जिम्मेदारी है बल्कि सभी संगठनों का भी दायित्व है। इसके लिए साइबर स्वच्छता केंद्र सरकार एवं विभिन्न संगठनों के मध्य समन्वय पर बल देता है साथ ही साइबर खतरों से समस्त नागरिकों को सचेत करने एवं व्यापक जागरूकता कार्यक्रम प्रस्तावित करता है। साइबर स्वच्छता केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्य स्तर पर कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम गठित करने एवं साइबर सुरक्षा क्षेत्र में पहल करने वाले स्टार्ट-अप्स को फीस में 50 प्रतिशत छूट देने की घोषणा की। यह डिजिटल सुरक्षा ढांचे को व्यापक बनाने में मद्दगार होगा कुल मिलाकर सूचना प्रौद्योगिकी एवं डिजिटलीकरण के वर्तमान युग में साइबर सुरक्षा केंद्र का निर्माण अत्यंत सामयिक एवं महत्वपूर्ण कदम है।