ट्रैपिस्ट-1
नासा के स्पिट्जर अंतरिक्ष टेलीस्कोप द्वारा नव अन्वेषित एक सौरमंडल है जिसका नाम चिली में स्थित ‘The Transiting Planets and Planetesimals Small Telescope (TRAPPIST) के नाम पर TRAPPIST-1 रखा गया है।
नासा के स्पिट्जर अंतरिक्ष टेलीस्कोप द्वारा नव अन्वेषित एक सौरमंडल है जिसका नाम चिली में स्थित ‘The Transiting Planets and Planetesimals Small Telescope (TRAPPIST) के नाम पर TRAPPIST-1 रखा गया है।
अवस्थिति
- यह पृथ्वी से लगभग 40 प्रकाशवर्ष (235 ट्रिलियन मील) दूर नक्षत्र कुंभ राशि में स्थित है।
- ट्रैपिस्ट-1 सौरमंडल में स्थित ग्रह एवं विशेषताएं
- इस सौरमंडल में पृथ्वी सदृश कुल सात चट्टानी ग्रह एक तारे (सूर्य) की परिक्रमा करते हैं।
- इस सौरमंडल के सूर्य का वजन हमारे सूर्य के वजन के आठवें हिस्से के बराबर तथा आकार बृहस्पति ग्रह से थोड़ा बड़ा है।
- हमारे सूर्य के विपरीत इस सूर्य को अल्ट्रा कूल ड्वार्फ श्रेणी में रखा गया है।
- इस श्रेणी के तारों का औसत तापमान 2,430 डिग्री सेल्सियस होता है जो सूर्य के तापमान (5,504 डिग्री से.) के मुकाबले करीब आधा है।
- सभी सात ग्रह (बी,सी,डी,ई,एफ,जी,एच) पृथ्वी के आकार के हैं।
- इनमें से तीन ग्रहों (1 ई, 1 एफ तथा 1जी) पर जीवन की प्रबल संभावनाएं हैं क्योंकि ये हैबिटेबल या गोल्डीलाक जोन में स्थित हैं।
- गोल्डीलाक जोन तारे/सूर्य से वह निश्चित दूरी होती है जहां स्थित ग्रहों का तापमान जीवन के लिए उपयुक्त होता है।
- सातों ग्रहों का अपने तारे/सूर्य के साथ जुड़ाव इस प्रकार का है कि अपनी-अपनी कक्षाओं में परिक्रमा करते समय सभी का एक ही हिस्सा सदैव सूर्य की तरफ रहता है। इस कारण से सभी ग्रहों पर दोनों ओर या तो शाश्वत दिन होता है या रात।
- संभावना है कि इस कारण वहां पृथ्वी जैसा मौसम चक्र नहीं होगा और दिन की ओर से रात वाले हिस्से की तरफ तेज हवाओं का चलना तथा चरम तापमान परिवर्तन पाया जाएगा।
- ट्रैपिस्ट-1 के मेजबान तारे/सूर्य से सभी सात ग्रहों की कक्षाओं की दूरी हमारे सूर्य से बुध की कक्षा की दूरी (57,910,000 किमी.) से भी कम है।
- सातों ग्रहों के मध्य की दूरी भी इतनी कम है कि कोई व्यक्ति एक ग्रह पर खड़े होकर दूसरे ग्रह के बादल आसानी से देख सकता है।
- छह ग्रहों के वजन का अनुमान लगाया गया है, जबकि सातवें ग्रह 1 एच के बर्फीले होने का अनुमान है।
- उल्लेखनीय है कि यह सभी ग्रह हमारे सौरमंडल से बाहर स्थित हैं। अतः इन्हें एक्सोप्लेनेट्स कहते हैं।
- मई, 2016 में ट्रैपिस्ट के जरिए ट्रैपिस्ट-1 में तीन ग्रह होने का दावा किया गया था।
- यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला के बहुत बड़े टेलीस्कोप सहित कई भू-आधारित दूरबीनों द्वारा सहायता प्राप्त, स्पिट्जर, अंतरिक्ष स्थित टेलीस्कोप ने इनमें से दो ग्रहों के अस्तित्व की पुष्टि की तथा पांच अतिरिक्त ग्रहों की खोज की, जिससे ज्ञात ग्रहों की संख्या सात हो गई।
- स्पिट्जर (अवरक्त खगोलीय दूरदर्शी) द्वारा ट्रैपिस्ट-1 पर लगाकर पांच सौ घंटे नजर रखने के बाद ग्रहों के आकार एवं दूरी का पता चला।
- नासा अक्टूर, 2018 में जेम्स वेब टेलीस्कोप अंतरिक्ष में भेजेगा जो अंतरिक्ष में उपस्थित स्पिट्जर, केप्लर और हबल टेलीस्कोप के साथ मिलकर ट्रैपिस्ट-1 की गहन पड़ताल करेगा।
- जेम्स वेब टेलीस्कोप पानी के रासायनिक फिंगरप्रिंट, मीथेन, ऑक्सीजन, ओजोन और ग्रहों के वायुमंडल के अन्य घटकों का पता लगाने में सक्षम होगा।
- यह टेलीस्कोप आवास क्षमता के आकलन हेतु महत्वपूर्ण कारकों यथा ग्रहों के तापमान एवं सतह के दबावों का भी विश्लेषण करेगा।
- उल्लेखनीय है कि इस खोज ने हमारे सौरमंडल के बाहर एकल तारे के चारों ओर पाए गए सबसे अधिक संख्या में जीवन संभावित (Habitable) ग्रहों की खोज का रिकॉर्ड स्थापित किया है।